राज कुमार आर्य एक वैदिक विचारधारा से जुड़े वेदों के विद्यार्थी हैं। शास्त्र-स्वध्याय इनके जीवन का महत्वपूर्ण भाग है। अधिकतर इन्टरनेट के माध्यम से वैदिक धर्म का प्रचार व प्रसार करते रहते हैं।
आज हमारा सामान्य जन सिद्धान्त व शास्त्र विधान से कोसों दूर चला गया है। इस पक्ष में मेरा केवल एक विनम्र निवेदन है कि कृपया इस प्रकार की त्रुटियों को सुधार कर शास्त्र विधि के अनुसार प्रचार-प्रसार किया जाये, जिससे हमारे समाज में सामान्य जन अपने धर्म के शुद्ध स्वरुप को प्राप्त कर पायें।